बच्चोको कब और कौनसी टिके या लस दी जाती है और क्यों?
बच्चोको कब और कौनसी टिके या लस दी जाती है और क्यों?
आजकल टिकाकरन कार्यक्रम और टिके नई तरह से मार्केट मे छा जाते है।इस वजह से काफी डाक्टर और पालकोंके बीच संभ्रम हो जाता है। इस वेबसाइट पे उसे निरपेक्षतासे समझाया जा रहा है।
सरल समझ के लिए टिका {इन्जक्शन} और डोस {पिने का}को एकसमान वैक्सीन नाम से उद्ध्रत किया जाएगा। आयुर्वेदिक स्वर्णप्राश टिका गौण माना जाएगा।
वैक्सीन इन्फेक्शन के प्रतिबंध मे मदद करते है; कई वैक्सीन जन्मभर तक इनसे संरक्षण देते है।
मिजल्स {गोवर\खसरा};मम्प्स{गालगंड};रूबेला{छोटी माता};चिकनपोक्स {फोडीवाली रैश};पानीसे फैलनेवाली पीलीया {काविल/हैपेटायटिस} तथा डिप्थेरिया {घटसर्प};काली खासी/पर्ट्यूसीस/डान्ग्या खासी और टेटनस {धनूर्वात} इन बिमारियोसे बचानेवाले टिके १०-२० सालो तक या जादा संरक्षन देते है।
कुछ टीके कम समयतक या कम मात्रा मे संरक्षन देते है। टायफाईड का ३ साल; फ्ल्यू का १ साल तथा निमोनिआ टीका १_२ सालही संरक्षन देता है।
टीके लेना या लेना यह प्रश्न बारिश मे छाता इस्तेमाल करना या ना करने के जैसा है। उसी तरह सारे टिके लगवाए या कम यह प्रश्न बारिश मे छाता छोटा या बडा पूछने जैसा है। लोग अपनी आय या कैपेसीटीनूसार निर्णय लेते है। भलेही हरेक टिका जरूरी है ऐसा डाक्टर्स और कंपनियां कहती हो; सरकारी टीम बडी परामर्श से बस कुछ हद तकही ये छाता या टिका कार्यक्रम मुफ्त मे उपलब्ध करा सकती है।
टिके सहसा अपनी समय पर दिए या लिए जाने चाहिए लेकिन डाक्टर से चर्चा कर कूछ दिन आगेपिछे हो सकते है।
बीसीजी का टिका टीबी जैसी बीमारीसे कुछ हदतक संरक्षण देता है। ये जन्मसे कुछ दिनो तक दिया जाता है। बच्चेका वजन १.८किलो से कम हो तो ईसे बाद मे दिया जाता है। बीसीजी पोलिओ और हेपेटायटीस बी साथ मे दिया जाता है।
अगले डोस प्रायमरी सीरीज कहलाती है। ईसमे१.५;२.५,३.५महीने उम्र मे डी पी टी और पोलिओ टिका रिपीट किया जाता है। ईसी का रिपिट डोस १.५सालमे बूस्टर १ और ४.५ साल मे बूस्टर २ कहलाता है। इस डीपिटी के साथ हेपेटायटिस बी और हिब मेन्दूज्वर का टिका मिलानेसे यह टिका पेन्टा का टिका कहलाता है। उसमे पोलिओ ईन्जक्शन मिलानेसे यह हैक्झा कहलाता है।
ईस सिरीज के साथ निमोनिया ईन्जक्शन और रोटावायरस डायरिया संरक्षण की पिलानेवाली लस एक्स्ट्रा किमत पर दी जाती है। शाएद कुछ साल बाद सरकार इन्हे फ्रि कर दे।
छह महिने की ऊम्रमे हैपेटायटिस बी का एक्स्ट्रा टीका।
दस माह ऊम्र मे मीजल या एम एम आर टिका व्हिटामीन ए का पिने का डोस दिया जाएगा।
११-१२ माह ऊम्र मे टिसिवी टायफाईड और हेपेटायटिस ए टिका दिया जाएगा। इसका सेकंड डोस अगले साल के अंदर यानी बूस्टर १के १-२ माह बाद होगा। चिकनपाक्स का टिका १६ माह ऊम्र के बाद।
१५ माह उमर मे एम एम आर
१६-१८ माह उम्र में बुस्टर
४.५से ५ साल ऊम्र मे बूस्टर २एम एम आर का;डी पि टि का; पोलिओ का और चिकनपिक्स का
१०साल ऊम्र मे डीटी का और १२ साल ऊम्र मे गर्भाशय कर्करोग प्रतिबन्ध के लिए।
फ्ल्यू का टिका पहलीबार दो टिके एक या अंतर से और बादमे हर साल।
आजकल टिकाकरन कार्यक्रम और टिके नई तरह से मार्केट मे छा जाते है।इस वजह से काफी डाक्टर और पालकोंके बीच संभ्रम हो जाता है। इस वेबसाइट पे उसे निरपेक्षतासे समझाया जा रहा है।
सरल समझ के लिए टिका {इन्जक्शन} और डोस {पिने का}को एकसमान वैक्सीन नाम से उद्ध्रत किया जाएगा। आयुर्वेदिक स्वर्णप्राश टिका गौण माना जाएगा।
वैक्सीन इन्फेक्शन के प्रतिबंध मे मदद करते है; कई वैक्सीन जन्मभर तक इनसे संरक्षण देते है।
मिजल्स {गोवर\खसरा};मम्प्स{गालगंड};रूबेला{छोटी माता};चिकनपोक्स {फोडीवाली रैश};पानीसे फैलनेवाली पीलीया {काविल/हैपेटायटिस} तथा डिप्थेरिया {घटसर्प};काली खासी/पर्ट्यूसीस/डान्ग्या खासी और टेटनस {धनूर्वात} इन बिमारियोसे बचानेवाले टिके १०-२० सालो तक या जादा संरक्षन देते है।
कुछ टीके कम समयतक या कम मात्रा मे संरक्षन देते है। टायफाईड का ३ साल; फ्ल्यू का १ साल तथा निमोनिआ टीका १_२ सालही संरक्षन देता है।
टीके लेना या लेना यह प्रश्न बारिश मे छाता इस्तेमाल करना या ना करने के जैसा है। उसी तरह सारे टिके लगवाए या कम यह प्रश्न बारिश मे छाता छोटा या बडा पूछने जैसा है। लोग अपनी आय या कैपेसीटीनूसार निर्णय लेते है। भलेही हरेक टिका जरूरी है ऐसा डाक्टर्स और कंपनियां कहती हो; सरकारी टीम बडी परामर्श से बस कुछ हद तकही ये छाता या टिका कार्यक्रम मुफ्त मे उपलब्ध करा सकती है।
टिके सहसा अपनी समय पर दिए या लिए जाने चाहिए लेकिन डाक्टर से चर्चा कर कूछ दिन आगेपिछे हो सकते है।
बीसीजी का टिका टीबी जैसी बीमारीसे कुछ हदतक संरक्षण देता है। ये जन्मसे कुछ दिनो तक दिया जाता है। बच्चेका वजन १.८किलो से कम हो तो ईसे बाद मे दिया जाता है। बीसीजी पोलिओ और हेपेटायटीस बी साथ मे दिया जाता है।
अगले डोस प्रायमरी सीरीज कहलाती है। ईसमे१.५;२.५,३.५महीने उम्र मे डी पी टी और पोलिओ टिका रिपीट किया जाता है। ईसी का रिपिट डोस १.५सालमे बूस्टर १ और ४.५ साल मे बूस्टर २ कहलाता है। इस डीपिटी के साथ हेपेटायटिस बी और हिब मेन्दूज्वर का टिका मिलानेसे यह टिका पेन्टा का टिका कहलाता है। उसमे पोलिओ ईन्जक्शन मिलानेसे यह हैक्झा कहलाता है।
ईस सिरीज के साथ निमोनिया ईन्जक्शन और रोटावायरस डायरिया संरक्षण की पिलानेवाली लस एक्स्ट्रा किमत पर दी जाती है। शाएद कुछ साल बाद सरकार इन्हे फ्रि कर दे।
छह महिने की ऊम्रमे हैपेटायटिस बी का एक्स्ट्रा टीका।
दस माह ऊम्र मे मीजल या एम एम आर टिका व्हिटामीन ए का पिने का डोस दिया जाएगा।
११-१२ माह ऊम्र मे टिसिवी टायफाईड और हेपेटायटिस ए टिका दिया जाएगा। इसका सेकंड डोस अगले साल के अंदर यानी बूस्टर १के १-२ माह बाद होगा। चिकनपाक्स का टिका १६ माह ऊम्र के बाद।
१५ माह उमर मे एम एम आर
१६-१८ माह उम्र में बुस्टर
४.५से ५ साल ऊम्र मे बूस्टर २एम एम आर का;डी पि टि का; पोलिओ का और चिकनपिक्स का
१०साल ऊम्र मे डीटी का और १२ साल ऊम्र मे गर्भाशय कर्करोग प्रतिबन्ध के लिए।
फ्ल्यू का टिका पहलीबार दो टिके एक या अंतर से और बादमे हर साल।
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Santhanu is the best paediatric centre in Hyderabad, our services include Vaccination/Immunization, Infant & child nutrition, Respiratory Problems,
ReplyDeleteInfectious diseases etc.
pediatrician in gachibowli